इतनी वफाएं लेकर कहां जाओगे इतनी ज़फ़ाएं देकर कहां जाओगे मुझसे गिले शिकवे जताकर अपनी हर गलती भुलाकर फिर झूठी उम्मीद जगाकर मिला हमसफर गवाकर