ज़िंदगी को फिर कलाम करते हैं छिपा है कुछ छुपाया करते है चुप है चुप करवाया करते हैं मेल है मिलाप करवाया करते हैं जान है पहचान करवाया करते है जिंदगी रही तो फिर राज़ बताया करते है कोशिश करके देखते हैं... ज़िंदगी को फिर कलाम करते हैं छिपा है कुछ छुपाया करते है चुप है चुप करवाया करते हैं मेल है मिलाप करवाया करते हैं जान है पहचान करवाया करते है जिंदगी रही तो फिर राज़ बताया करते है जज़्बात ए हर्षिता