कुछ शुरू किए बिना ही खत्म कर देते है चल आज से तेरा किस्सा बंद कर देते है| ये रोज रोज जो यादें तेरी मुझे तड़पाती है आज से उनको भी एक विराम दे देते है | बातो से तेरे अब अन्जान बनकर रहा नहीं जाता चल खुद को ही तनहाई का एक तौफ़ा दे देते है| अब खुद से खुद का जो अलग रिश्ता बन गया आज से उसमे अब जीना शुरू कर देते है | ये बिन मुलाकात वाला रिश्ता, अब निभाया नहीं जाता "अक्षि" अब इस रिश्ते को आज यही अंजाम दे देते है | तेरा किस्सा बंद कर, कुछ नया शुरू कर देते है आज से तेरी बाते लिखना अब बंद कर देते है| By:-Akshita Jangid (poetess) #nojoto#poem #hindi#love#life#beloved #alone