(अहबाब-ए-ग्रामी ، एक क़तआ आप की नज़्र) ख़ुश रहो तुम सदा मुस्कुराते रहो गीत उल्फ़त के हर लम्हा गाते रहो लाख ग़म आयें "नेमत" करो शुक्र-ए-रब दिल से हर एक ग़म को मिटाते रहो ✍️(नेमतुल्लाह पैग़म्बरपुरी) ©Nematullah Paighamberpuri #Flower #nematullahshaikhpaighamberpuri #bestpoetry (अहबाब-ए-ग्रामी ، एक क़तआ आप की नज़्र) (احبابِ گرامی ، ایک قطعہ آپ کی نذر) ख़ुश रहो तुम सदा मुस्कुराते रहो خوش رہو تم سدا مسکراتے رہو गीत उल्फ़त के हर लम्हा गाते रहो