चारों तरफ खामोशी छाई है, बस सन्नाटों का शोर है। हर कोई घर में छुपा हुआ है, बड़ा ही नाज़ुक दौर है। ख़ुशियाँ सारी खो गई हैं, जाने किसकी है नज़र लगी। सुकून कहीं मिलता नहीं, जाने खोया किस ओर है। 👉🏻 प्रतियोगिता- 222 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"सन्नाटों का शोर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I