मैं डाकिया बनने की सिफारिश डाल जाती। किसी न किसी तरीके से प्रभु के करीब रहने की विनती उनसे फरमाती। हर रोज भक्तो के प्रेम भरे ख़त ,प्रभु तक पहुंचाती। हर दिन नई आशा लिए प्रभु की दर की घंटी बजाती। कभी न कभी किसी चीठी में प्रभु भी अपने दिल की बात लिख जाते। उसी कृपा को बाटते बाटते मैं तर जाती। ©J shree डाकिया डाक लाया #WorldPostOfficeDay gudiya heartlessrj1297 kiran kee kalam se Jugal Kisओर