हार जाऊंगा जिंदगी की जंग..! मौत जब गीत गुनगुनाये गी..!! उसकी चश्मों से अब्र बरसेगा.! वो जब भी मेरी गजल गाएगी..!! कभी आहें, कभी जुम्बिश,कभी करवट लेगी.! जब कशाकश में कभी खुलके मुस्कराये गी.!! अपनी रानाइयोँ को आइने में देख देख..! वो भी 'सुल्तआँ'के ख़यालो में डूब जाएगी..!! -सुल्तान मोहित बाजपेयी-