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......Loneliness..... जिक्र जब भी तेरा करती हूं |

......Loneliness.....

जिक्र जब भी तेरा करती हूं |
महफूज सी खुद को महसूस करती हूं ||
यकीन नहीं होता कि अब तक...
बेपरवाह प्यार भी तुझी से करती हूं ||
हां यह बात सच है कि...
तेरे जाने के बाद थोड़ा तन्हा सी रहने लगी हूं |
मगर क्या करूं अब आदत सी होने लगी है ||
जब थी करीब तेरे तो ...
तुझसे जुदा होने का डर था ||
मगर अब किस की गुस्ताखी...
बेफिक्रा जीने लगी हूं ||
इन खुली हवाओं में धीरे-धीरे घुलने लगी  हूं... 
अब इन फिजाओं से बेइंतहा मोहब्बत करने लगी हूं ||
हां अक्सर सुना है मैंने...
अकेलापन इंसान को अन्दर से खोखला कर देता है |
मगर इन फिजाओं की कुर्बत मेें ये सब मंजूर है मुझे ... #Loneliness #Poetry #Love ♥  #Like #Share #Nojoto @all
......Loneliness.....

जिक्र जब भी तेरा करती हूं |
महफूज सी खुद को महसूस करती हूं ||
यकीन नहीं होता कि अब तक...
बेपरवाह प्यार भी तुझी से करती हूं ||
हां यह बात सच है कि...
तेरे जाने के बाद थोड़ा तन्हा सी रहने लगी हूं |
मगर क्या करूं अब आदत सी होने लगी है ||
जब थी करीब तेरे तो ...
तुझसे जुदा होने का डर था ||
मगर अब किस की गुस्ताखी...
बेफिक्रा जीने लगी हूं ||
इन खुली हवाओं में धीरे-धीरे घुलने लगी  हूं... 
अब इन फिजाओं से बेइंतहा मोहब्बत करने लगी हूं ||
हां अक्सर सुना है मैंने...
अकेलापन इंसान को अन्दर से खोखला कर देता है |
मगर इन फिजाओं की कुर्बत मेें ये सब मंजूर है मुझे ... #Loneliness #Poetry #Love ♥  #Like #Share #Nojoto @all