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मैं चीज़ों को कभी सही वक़्त पर समझ नही पाया चाहे वो

मैं चीज़ों को कभी सही वक़्त पर समझ नही पाया चाहे वो स्कूल के वक़्त थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी हो या जूलियस सीज़र।
मैंने तो इश्क़ भी नही समझा इश्क़ के वक़्त।
मैं अब भी तीनो को बहुत अच्छे से नही समझता हूँ, मैं आइंस्टाइन की थ्योरी के बजाय उनके जर्मनी छोड़ने की वजहों को पढ़ता हूँ, मैं जूलियस सीज़र के युद्ध के बजाय उसके और क्लियोपेट्रा के बारे में पढ़ता हूँ और मैं प्रेम में सफलता के बजाय किसी के चले जाने की वजहों को ढूँढता हूँ।

©Shaz Daily #steps  #halal_ishq #saizal
मैं चीज़ों को कभी सही वक़्त पर समझ नही पाया चाहे वो स्कूल के वक़्त थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी हो या जूलियस सीज़र।
मैंने तो इश्क़ भी नही समझा इश्क़ के वक़्त।
मैं अब भी तीनो को बहुत अच्छे से नही समझता हूँ, मैं आइंस्टाइन की थ्योरी के बजाय उनके जर्मनी छोड़ने की वजहों को पढ़ता हूँ, मैं जूलियस सीज़र के युद्ध के बजाय उसके और क्लियोपेट्रा के बारे में पढ़ता हूँ और मैं प्रेम में सफलता के बजाय किसी के चले जाने की वजहों को ढूँढता हूँ।

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