अब तो आसमानों पे अपनी उड़ान रखी है, मैंने किस्मत बदलने की ठान रखी है। क्या पता क्या है हाथों की लकीरों में, अब तो हथेली पे अपनी जान रखी है।। ©अभिनव गौतम #positive ,#shayari