पक्षपात सब कुछ मेरे पक्ष मे था पर पक्षपात हो गया। अपनो ने मुझको पिटा परायों ने प्यार दिया। नदिया बनकर बहने लगा लहू मेरी आंखो से। अपनो ने आग मे झोंका परायों ने दवा किया। ©vishnu kant baluni पक्षपात पक्षपात पक्षपात #WForWriters