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प्रकृति से कब क्या कैसे, सीखा मैंने कितना आओ तुम्

प्रकृति से कब क्या कैसे, सीखा मैंने कितना
 आओ तुम्हें बताऊंँ।
देती है सीख क्या 'मन', ईश्वर की कौन रचना
 आओ तुम्हें बताऊंँ।

फूलों की तरह खिलना, भौंरों की तरह गाना।
नदियों की तरह बहना, सावन की तरह आना।
आओ तुम्हें बताऊंँ।

सूरज की तरह उगना, चिड़ियों का तरह उड़ना।
मकड़ी की तरह चढ़ना, गोह की तरह पकड़ना।
आओ तुम्हें बताऊंँ।

बर्फ की तरह पिघलना, बादल की तरह बरसना।
बाज़ की तरह देखना, बाघ की तरह दौड़ना।
आओ तुम्हें बताऊंँ। सुप्रभात।
यही दुआ है कि तुम फूलों की तरह महको,
पंछियों की तरह चहको।
#फूलोंकीतरह #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
प्रकृति से कब क्या कैसे, सीखा मैंने कितना
 आओ तुम्हें बताऊंँ।
देती है सीख क्या 'मन', ईश्वर की कौन रचना
 आओ तुम्हें बताऊंँ।

फूलों की तरह खिलना, भौंरों की तरह गाना।
नदियों की तरह बहना, सावन की तरह आना।
आओ तुम्हें बताऊंँ।

सूरज की तरह उगना, चिड़ियों का तरह उड़ना।
मकड़ी की तरह चढ़ना, गोह की तरह पकड़ना।
आओ तुम्हें बताऊंँ।

बर्फ की तरह पिघलना, बादल की तरह बरसना।
बाज़ की तरह देखना, बाघ की तरह दौड़ना।
आओ तुम्हें बताऊंँ। सुप्रभात।
यही दुआ है कि तुम फूलों की तरह महको,
पंछियों की तरह चहको।
#फूलोंकीतरह #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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सुप्रभात। यही दुआ है कि तुम फूलों की तरह महको, पंछियों की तरह चहको। #फूलोंकीतरह #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi