बापू की बोझिल सांसें शायरी में कहती है...... ज़मीन जहान से मैं हो चुका हूं फ़ना अब नही रहा वह ज़माना भला कैसे कह दूं हक़ से हक़ीक़त है क्या और क्या है फ़साना सुना है मैंने हुकूमत हांसील है चंद सफ़ेद लिबासी मुजरिमों को जो सीखाते है वतन परस्ती और सीखाते किसे कब है फँसाना ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳Nojoto App #हिंदी #सियासत #हक़ीक़त #फ़साना #ज़माना #फँसाना #राजनीति #Instagram #Facebook #अदनासा शायरी हिंदी में हिंदी शायरी शायरी दर्द शेरो शायरी Extraterrestrial life