कह दो सुबह से कि अभी शाम बाकी है, रात को अभी रुकने को बोलो, अभी तो इन चलते पैरों की थकान बाकी है । काम को बोलो इंतज़ार करे तुम्हारा, अभी तो तुम्हारे हक का आराम बाकी है । ये ज़िन्दगी भर की उदासी छोड़ो, अभी तो तुम्हारी खिलती हुई मुस्कान बाकी है ।। (ART) मुस्कराते रहिये😃 #CalmingNature arpit shukla(मेरे एहसास)