जब कहना था हमको कुछ , तब मेरे लब तुम बहुत खामोश रहे। जब जगना था हमको तब , हे तन तुम भी खूब बेहोश रहे। जब उस रब का नशा किया है हमने, मन तुम क्यों कहते हो हमें दुनिया का अब होश रहे। ©SHIVAM TOMAR "सागर" #Krishna