मैं कौन हूं मैं इंसान हूं, करता खुद पे गुमान हूं। हर वक्त लेता ज्ञान हूं, कभी कभी देता मिठी जुबान हूं। रहता गमों से परेशान हूं, दूसरो के लिए ज़िंदगी कर देता कुर्बान हूं। निभाता प्यार हूं, पाता बड़ो से संस्कार हूं। मानता ना कभी हार हूं, कांटो को भी कर जाता पार हूं। मैं इंसान हूं, बन जाता हैवान हूं। छोटी बच्चियों को बनाता शिकार हूं, कर देता खत्म उनके जीने के आसार हूं। करता बस पैसे से प्यार हूं, इसके लिए किसी भी हद तक नीचे गिरने को तैयार हूं। ©Amarjeet Singh #bestfriends Joyous Jaya Rauniyar