हमारा आज जब कल की कहानी कहता है कल कलकल करता आज में ही बहता है ! हमारा साहित्य हमारी विरासतें क़माल हैं आध्यात्म का ज्ञान हमारी रगों में बहता है ! मैं सभ्यता और धर्म की माँ की ओर से हूँ इस बात की संसार गवाही देता है ! जीवात्मा में आत्मा परमात्मा का अंश है दुनियां के सामने सिर्फ़ भारतीय संत कहता है । भिखारी को भीख में तो तिरस्कार ही मिलता है ! प्रेम के बदले तुम्हें दुःख मिला यह सोचते हो लेने देने का भाव है तो हानि लाभ तो होगा ही यसश्वी बनो देने वाले को हमेशा लाभ ही मिलता है ! 💕#good evening💕🙏 : एक बार विवेकानंद जी से किसी ने सवाल किया कि आपके "कृष्ण" के पीछे पीछे गोपियों और ग्वालों के झुंड चल पड़ते थे ऐसा क्या आकर्षण था उनमें ? : स्वामी जी मुस्कुराए और आगे बढ़ गए तो पीछे पीछे वो लोग भी आ गए और बोले अब तो बताओ स्वामी जी ऐसा क्या था कृष्ण में ? : स्वामी जी फिर मुस्कुराए और चल दिये अब वो लोग भी उनके पीछे चल दिये जब रुके तो फ़िर पूछा स्वामी जी अब तो बता दीजिए ऐसा क्या था कृष्ण में ? :