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तेरे प्यार की ओढ़ के सतरंगी चुनरिया सनम जब से मैं

तेरे प्यार की ओढ़ के सतरंगी चुनरिया सनम जब से मैं तेरी हो गई,
देखने लगी तेरे ही सपने दिन और रात तेरे ही ख्यालों में खो गई।

हाथों में तेरे नाम की मेहंदी लगा सोलह सिंगार करके जब सज गई,
सात फेरों के संग तूने जो थामा हाथ मेरा मैं सदा के लिए तेरी हो गई।

मैं बन गई तेरी जीवन संगिनी तू मेरा हमकदम हम साया बनकर रहना,
लाज का घूंँघट ओढ़ कर बाबुल का घर छोड़ कर पिया तेरे संँग हो गई। ♥️ Challenge-601 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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तेरे प्यार की ओढ़ के सतरंगी चुनरिया सनम जब से मैं तेरी हो गई,
देखने लगी तेरे ही सपने दिन और रात तेरे ही ख्यालों में खो गई।

हाथों में तेरे नाम की मेहंदी लगा सोलह सिंगार करके जब सज गई,
सात फेरों के संग तूने जो थामा हाथ मेरा मैं सदा के लिए तेरी हो गई।

मैं बन गई तेरी जीवन संगिनी तू मेरा हमकदम हम साया बनकर रहना,
लाज का घूंँघट ओढ़ कर बाबुल का घर छोड़ कर पिया तेरे संँग हो गई। ♥️ Challenge-601 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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