महक का आंसू इस देश की वास्तविक स्थिति बता रहे सच पूछिए तो उसके आंसू देख कर मुझे भी रोना गया मैं अपने आप को रोक न सका । हम कितनी भी बात कर ले डिजिटल इंडिया है लेकिन यहां मुझे सब थोता नजर आता है उसके आंसुओं को जब मैंने देखा मेरे आंसू भी रोक ना पाया जब उसने कहा मैंने 2 दिन मैं एक बार खाना खाया इसलिए वह अपने बच्चे को भी दूध नहीं पिला पा रही पेट भरे तब दूध बने सच पूछिए । मैं नहीं जानता कि कौरोना से कितने लोग मरे पर इतना जरूर जानता हूं कि गरीब बहुत मारेंगे महक जैसे कितने होंगे जो कई दिनों से भूखे होंगे कृपया सरकार से मेरा अनुरोध है वह देखे कोई भूख से ना मारे खाना खिलाने का कोई इंतजाम करे । #Lockdown_2