कुछ कविताएँ बस पागलपन होती है जैसे किसी फटे कुर्ते का टूटा हुआ बटन जिसे काज़ ने कहीं का नहीं छोड़ा वो टूटा हुआ बटन जिसे अब भी गुमान है कि धागों से बंधा है और कभी ना कभी काज़ से सुलह हो ही जाएगी उसे कसने का दर्द नहीं है ना कटने की कोई टीस है पागल ना जाने कौन सी अफ़ीम चाट कर आया है वो उँगलीयों पर दरकता है तो आँख भर आती है ना जाने कौन से जज़बात हैं कि वो ज़िंदा है ~ कुर्ते का बटन@अब ख़ामोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #अब_ख़ामोशी_को_कहने_दो #Ab #mokshkan #mikyupikyu #Sa #shonameetha #Nojoto #poem