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किसी शाम मोहब्बत लिखने को कहते, मिलते पुस्तकों के

किसी शाम मोहब्बत लिखने को कहते,
मिलते पुस्तकों के ढेर तुम्हें,
हालातों, संवादों, मुस्कराहट के किस्से,
मिलते नहीं ज़माने में साथ निभाने हमराही।।

©चंद्रवीर गर्ग आबदार
  Tithi Sharma Anjana Uikey ANDARAM Farhan Shaikh ratan