अब मेरी किस्मत में, तेरा इंतज़ार लिख गया तो क्या करूं? तू बात करना चाहती भी हो,शायद, तुझे किसी अपने का इंकार मिल गया तो क्या करूं ? बिन बात चीत के भी ख़त्म नहीं होता, ये किसी दूरी से भी कम नहीं होता, बिन चाहे,तुझ से, रूहानी प्यार हो गया तो क्या करूं? क्या करूं? या तेरी तरह कहूं तो, "अब क्या ही कर सकते हैं?"