इस रात के अंधेरे में कोई हमसफ़र मिले तो बतलाना हो कोई तनहाई में हसाने वाला तो बतलाना अगर कोई बोल दे कि उसको कुछ नहीं चाहिए हो कोई जिस्म छोड़ रूहानी मोहब्बत वाला तो बतलाना।। ©Zahid Ansari for security purposes #City