एक अरसे पहले दो शख्स मिले तकरार हुई इकरार हुआ प्यार हुआ दो दिल एक हुए फिर कसमें फिर वादे फिर दो दिल एक जान हुए और अब वक्त के लॉकर में बंद है इनकी किस्मत जिसकी चाबी दो है एक खोलने को बेकरार है दूजा खोलने को तैयार नहीं #mypoem