Nojoto: Largest Storytelling Platform

उठकर गिरना गिरकर उठना तुम लहरों की शान सही.. बोझि

उठकर गिरना गिरकर उठना
 तुम लहरों की शान सही..
बोझिल घटा घनी पलकों पर
सूख चुकी  बरसात कहीं
अब बूंदों की आस ना बची 
उदासीन है अंतर्मन...
उनपर हारे हृदय इस तरह
बची जीत की चाह नहीं....
अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey जीत की चाह नहीं..
उठकर गिरना गिरकर उठना
 तुम लहरों की शान सही..
बोझिल घटा घनी पलकों पर
सूख चुकी  बरसात कहीं
अब बूंदों की आस ना बची 
उदासीन है अंतर्मन...
उनपर हारे हृदय इस तरह
बची जीत की चाह नहीं....
अर्चना'अनुपमक्रान्ति'

©Archana pandey जीत की चाह नहीं..