मंदी अपनी बंदी है हालातों की जीर्ण अवस्थाओं में व्यवस्थाओं के गले घुटे हुए हरितमाए सब्ज बागों की ख़ो गई वायदे नेताओं के झूठे हुए। हर कोई देश में द्रन्दी है मंदी है तो बंदी है। #मंदी अपनी बंदी है।