चाहते कब किसी की होती हैं पूरी । कुछ होती हैं मुक्कमल तो, कुछ रह जाती हैं अधूरी । चांद पाने की ख्वाइश होती है सभी की, पर अमावस की हिस्सेदारी भी है जरूरी । दिल के किसी कोने में, हम भी दर्द छुपाए बैठे हैं । दफ़न हुई यादों की, चिता जलाए बैठे हैं । तेरे संग गुजारे हुए बेशकीमती लम्हों की, सौगात छुपाए बैठे हैं । रश्मि वत्स...। ©Rashmi Vats #चाहत #ख्वाइश #अधूरी#दफन