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गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर अल्लामा इक़

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर






अल्लामा इक़बाल
( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Allama Iqbal Shayari
Allama Iqbal Shayari In Hindi

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर 
होश ओ ख़िरद शिकार कर क़ल्ब ओ नज़र शिकार कर 

इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में 
या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर
गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर






अल्लामा इक़बाल
( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Allama Iqbal Shayari
Allama Iqbal Shayari In Hindi

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर 
होश ओ ख़िरद शिकार कर क़ल्ब ओ नज़र शिकार कर 

इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में 
या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर

Allama Iqbal Shayari Allama Iqbal Shayari In Hindi गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर होश ओ ख़िरद शिकार कर क़ल्ब ओ नज़र शिकार कर इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर #nojotohindi #NojotoHindiLiterature