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गिरता संभालता बस अकेलाही चलता हूं ए जिंदगी, क्यूंक

गिरता संभालता बस अकेलाही चलता हूं ए जिंदगी,
क्यूंकि किसी के अहसानों का बोझ अब उठाया नहीं जाता..
       ---amu #brokenword
गिरता संभालता बस अकेलाही चलता हूं ए जिंदगी,
क्यूंकि किसी के अहसानों का बोझ अब उठाया नहीं जाता..
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