हालातों को तुम समझाओ, यूं जोर न हम पर दिखलाओ, जीवन में गुप्त अंधेरा है मन की बातें ना बतलाओ। Read full in caption हालातों को तुम समझाओ, यूं जोर न हम पर दिखलाओ, जीवन में गुप्त अंधेरा है मन की बातें ना बतलाओ। कश्ती को तुम्हारी पार किया, तुमको फिर से सत्कार दिया, वादे ना हुए थे पूरे पर, फिर भी तुमको स्वीकार किया।