मिलते दिखें धरती गगन जहाँ अहा! क्या दिलकश नज़ारा! वो हर पल ख़ूबसूरत है ज़िंदगी का जब -जब मिलन हो मेरा तुम्हारा! समंदर का नीला पानी ख़ुदा कसम! आज बेहद ख़ूबसूरत लग रहा! ये घड़ी और भी बेनज़ीर हुई तुम, मैं, शाम और समंदर किनारा! उफ़्फ़! ख़्वाबिदा हूँ कि हक़ीक़त में देख रही मैं ये ज़न्नत का नज़ारा! ♥️ Challenge-788 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।