"दीप आस का मन--आँगन में जलता रहे। स्वप्न--सलोना नित--जीवन में पलता रहे।। ज्योति--पर्व यह खुशियों का आधार बने। और, समन्वय--पथ पे कारवाँ चलता रहे।।" #Mukt kanth amber