मैं रिश्तों में तालमेल अबतक बिठा ना पाया अपनो के बीच दूरियाँ भी मिटा ना पाया मैं शायद अभी अधूरा हूँ मैं अपनों के बिना जो रूठा था उसे भी अबतक मना ना पाया इस गलतफहमी में जी रहा था मेरे जैसा कोई नहीं मैं ख़ुद की हकीकत भी अबतक पहचान ना पाया हाँ मैं ग़लत था मैं अपनी गलती भी मान ना पाया मैं रिश्तों में तालमेल अबतक बिठा ना पाया Challenge-137 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #तालमेल #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️