!हाय ये डिजिटल इंडिया! युवा कवि - #आदित्य स्वरूप "होत सवेरे छत पर बसेरे, धूम लेवत हम आवत हैं। देख के हम छत की हालत, मन में ही चिलावत है।। नजर पड़ी एक बालक पर, वह मन-मन ही मुस्कावत है। देख के बालक की मुस्कान, मन में सवाल आवत है।।" मुकेश अंबानी के जिओ ने, कैसा-कैसा काम किया। करके सब लिमिटेड, जग में अपना नाम किया। बदल रहे अब बालक, इस जिओ के चक्कर में। नहीं रही अब चिंता, परिवार को समय देने में। बदल रहे अब अपने जीवन को, जिओ के चक्कर में। नहीं रही अब आस किसी की, ना चिंता अब पढ़ने की। ऐसे बनेगा डिजिटल इंडिया, अपने कर्तव्यों को खोकर। हाय ये डिजिटल इंडिया#lovelife , #gadgets, #joke