किसे पता था की एक दिन ये परिंदे मारे जाएंगे वो ख़्वाब उंचाईयों से गिरा ज़मीं में गाड़े जाएंगे चैहरे यँहा कौन देखे सब को है इश्क़ जिस्म से अब बिस्तर हमारे भी हर रात में सवारे जाएंगे * किसे पता था * किसे पता था की एक दिन ये परिंदे मारे जाएंगे वो ख़्वाब उंचाईयों से गिरा ज़मीं में गाड़े जाएंगे चैहरे यँहा कौन देखे सब को है इश्क़ जिस्म से अब बिस्तर हमारे भी हर रात में सवारे जाएंगे