उब जाता जब कभी इस नश्वर शरीर से तो प्रेम में डूब आत्मीयता को पढ़ता हूं विलक्षणताएं तो बहत है मुझमें भी खुद से निकल खुद में इस भाव का निरंतर प्रवाह निश्छल हो देख पाता हूं #मेरे_जज्बात008 #कामिल_कवि #हसमुख #loveyoumerijaan #yqdidi #yqbaba #kunu