सुलझे हुए रहते थे अपनी सोच के रास्ते अक्सर, कैसी भी चाहत हो बस...एकबार सोचते ही मेरा मन उस काम कर के ही दम लेता था। आज मालिक बनकर बैठ गया देखो, मेरा अपना मन ! दुनियाभर की उलझनों मे उलझकर.... क्या मैं उन सुलझे हुए रास्ते का वास्ता अपने उलझे हुए मन को दूँ यारों? #मन #उलझन #सुलझन