कुछ सवालों के जबाब क्यू नहीँ होते..? कुछ सवाल... सवाल ही क्यू रह जाते हैँ..? क्यों लोग अक्सर... बीच राह में छोड़ जाते हैँ. खुद क़ो समझा समझा कर भी.., कितना समझाऊं...? कैसे बताऊँ ख़ुदको..., जिन्दगी अकेली ही जिनी होती है.., लोगों का भीड़ क्यू ना हो.., बातें खुदसे ही करनी होती है. क्यू ख़ुदको समझाना मुश्किल होता है..., क्यू खुदमें जीना इतना कठिन होता है... हे जिन्दगी..., इन उलझें सवालों क़ो जबाब दें.., हे जिन्दगी...., मुझे खुदमे जीना सीखा दें. ©Sonali Gupta #Broken💔Heart #Woman