चाँद सा आरिज, महबूब का, आँखे गहरी कोई झील है... गैसू-ए-पुरशिकन,देख लगता, चंदन पे लिपटे मारे–सियाह है... ©kabir pankaj गैसू-ए-पुरशिकन = बल पड़े बाल मारे-सियाह = काले सांप #Hindi #write #writeaway #Love #lovediary #Shaayari #Shayar #Love #sunkissed