दर-बदर भटकती है, यह साँसे आज भी तुम्हें पाने के लिए, ख़्वाब से तस्वीर, तस्वीर से हक्कीत बनाने के लिए। भूल जब हो जाती तब मन दहल उठता है, हक्कीत सामने देखते हुए, फिर वो अचानक ख़्वाब बन जाए। दर-बदर भटकती है,यह साँसे आज भी तुम्हें पाने के लिए... दर बदर #romantic #love