'अर्धांगनी' तुमसे वज़ूद तुम सृष्टि हो,तुम कामनायों की जननी हो, 'शिव' भी रहें अधूरा सत्य,जो तुमसी ना कोई 'ग़ौरी' हो, तुम अर्धागिनी हो ! तुमसे वज़ूद है कण-कण का,रूप-स्वरूप में देवी हो, मैं अक्षर में उलझा रहूँ,तुम प्रेम की जागती मूरत हो, तुम अर्धागिनी हो ! मैं राम समान न बन पाया,तुम जानकी को जीती हो, तुम क्षमादान में महान प्रिये,तुम मर्यादा की वेदी हो, तुम अर्धागिनी हो ! मैं सत्यवान सा मूर्छित पड़ा,तुम जीवन की डोर हो, विवश करो महाकाल को, तुम काली का रूप हो, तुम अर्धागिनी हो ! कविता का शीर्षक है 'अर्धागिनी' यानी अधूरे जीवन का पूरा सत्य 😊✍🏻 मेरे जीवन की कुछेक बेहतरीन लेखनी में से एक शायद...ये तो आप बेहतर बता पाएँगे !! #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqdada #yqlove #yqthoughts #yq