शाम गुजर चुकी थी और रात को आना था इस पागल की बातों से फिर उसे मुस्कुराना था यही सोचते हुएं खुशी की बहार छा गई और ना जाने कैसे आंखों में नींद आ गयी रब जाने की रात 9 से 11 में क्या बवाल हुआ होगा शायद उसके ख्यालों में मेरा बुरा हाल हुआ होगा सुबह उठते ही उसके दिल का हाल जानूंगा जो भी कहेगी वो हर बात मानूंगा ना online आयी दिन भर तो सोचा क्या वजह होगी फिर समझा ना बात करना ही मेरी सजा होगी। small story