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चहेरा बदलते रहे दूसरो के खातिर अपनी शख्सियत और खूब

चहेरा बदलते रहे दूसरो के खातिर अपनी शख्सियत और खूबसूरती को दिखाने के लिए
जब आईना देखा और पता चला कि बदल रहे थे हम अपने आंखों में गम के समंदर और बया कर रहे दर्द की लकीरों को छुपाने के लिए

©SmileyChait
  #aaina बदल रहे थे चहेरे 🫨 ✍..Parth Mishra thepeacefulpoetry Sambhav jain Abhidev - Arvind Semwal  SHIVANSH UP WALA