Nojoto: Largest Storytelling Platform

थी एक मन्नत जो कभी भी मुक्कमल न हो सकी, थी एक अधूर

थी एक मन्नत जो कभी भी मुक्कमल न हो सकी,
थी एक अधूरी कहानी जो कभी पूरी  न हो सकी,

थक गई थी मैं यूँ  अकेले अकेले किरदार निभाते,
एकतरफा थी वो मोहब्बत जो कभी कह न सकी,

आख़िर कब तक चलता गुमनाम प्यार का किस्सा,
न वो कभी इशारा समझे और मैं कभी बोल न सकी,

साथ तो रब की रहमत है,वो साथ ही किस्मत में नही,
कैसा फ़लसफ़ा है ये किस्मत भी मेरे हिस्से आ न सकी। ♥️ Challenge-724 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
थी एक मन्नत जो कभी भी मुक्कमल न हो सकी,
थी एक अधूरी कहानी जो कभी पूरी  न हो सकी,

थक गई थी मैं यूँ  अकेले अकेले किरदार निभाते,
एकतरफा थी वो मोहब्बत जो कभी कह न सकी,

आख़िर कब तक चलता गुमनाम प्यार का किस्सा,
न वो कभी इशारा समझे और मैं कभी बोल न सकी,

साथ तो रब की रहमत है,वो साथ ही किस्मत में नही,
कैसा फ़लसफ़ा है ये किस्मत भी मेरे हिस्से आ न सकी। ♥️ Challenge-724 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।