इतनी हसीन थी वो बिल्कुल जैसे हो खुदा की कोई दुआ। उसे चाहा इतना कि हमसे बड़ा दिवाना भी कोई ना हुआ। शायद थी ही नहीं वो इन हाथों की लकीरों में, जब उसे छूना चाहा तो ना जाने क्यों आया हाथ सिर्फ धुआं। जिसे तोहफा समझा था हमने वो तो निकली किसी की बद्दुआ। #खुदा #दुआ #लकिरों #बददुआ