आज बहुत बारिश हुई मन फिर मचला है जमीन का सीना चीर कर एक अंकुरित फिर फूटा है वो बचपन की नादानी वो घर के सामने से बहता पानी सब याद आया है वो तंग गलियां वो कच्चे मकान वो घरों में बनते बारिश के पकवान घरों की छतों से बहता पानी वो दादी वो नानी की कहानी #बारिश #वक्त #बचपन #कविता