स्त्री कि अस्मत और लुटेरे क्षमा करे किसी को मेरे लफ्जों से तकलीफ़ हुयी तो... सोच हमारी कलुषित हैं मन विचार दूषित हैं कठपुतली सा व्यवहार मानव आचरण नहीं स्त्री को समझते हम भोग विलास का साधन यह सब हमारे मन की घृणित सोच की उपज