है गणेशा... डर लगता है मुजे तुजसे... मा-बाप नहीं है मेरे जो मुजे टोक सके... इंसान हूँ... गलत राह ज्यादा चमकीली लगती है... कोई नहीं उस राह चलते हुए मुजे रोक सके... जब भी कुछ गलत सोच आती है मन में... तेरी ही छबि को देख डर जाती हूँ... पता है तू सामने तो नहीं आएगा... पर तेरा गुस्सा सोच मै सहेम सी जाती हूँ... टूटने नहीं दिया कभी, हमेंशा सही रास्ता दिखाया... बड़े भाई का फर्ज तूने बख़ूबी निभाया... क्यूँ ना ड़रू तुजसे मेरे वीरा...Nidhi जिसका कोई नहीं उसका तू ही तो है मसीहा !!! #गणेशा