बनाकर पत्तो का आशिंयाँ इक ख्वाब सजाया था.. उठाकर माचिस की तिली से जिसे तुने जलाया था.. वो जल गये हम छल गये अपनो की बस्ती मे।। तू तो चला गया हमें छोड़कर .. हमे मकां नही मिला कीसी की बस्ती में।। # जला दिया बेरहम नें#😢❤💯👍