Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो जो बातें ये दिल कह ना सका, अपनी बातों को ज़ुबा

 वो जो बातें ये दिल कह ना सका,
अपनी बातों को ज़ुबा पर ला ना सका।

अपना दिल-ए-ज़ज्बात बयां कर ना सका,
वो अकेले में खुद से ही बातें करता रहा।

मन ही मन से, वो फर्ज-ए-इश्क निभाता रहा,
इबादत-ए-इश्क कर्ता रहा।

जब इक रोज महफ़िल में निगाहें मिली,
वो शर्म के मारे सिमट-सा गया।

अरे, अब ये क्या अज़ब हो गया,
ये इशारों-इशारों में क्या हो गया।

वो जो बात दिल ने बयां ना किया,
आंखों ने ये कैसी गुस्ताखी कर दिया,
इजहार-ए-मोहब्बत बिन बोले कर दिया।

©_"एकता "_miss preet_
  #purpose_day 💐 ❤️ 🥰

#purpose_day 💐 ❤️ 🥰

445 Views